Tuesday, 13 December 2016

जागो ट्रैकमेनो जागो अभी नही तो कभी नही TM Ekta Jindabad



आखिर कब तक अपनी बारी का इंतजार करोगे कब तक सहन करोगे बहुत से भाई सोचते हैं की फलां आदमी की एब्सेंट लगा दी मुझे क्या आज उसकी लगी है कल आपका नंबर आयेगा कब तक एक दिहाड़ीदार की तरह रेलवे में मरते रहोगे हर साल 300 लोग मारे जाते हैं हो सकता है इस साल आपका नम्बर हो और दोस्तों ये मानव जीवन बनाया गया ही है दुसरो की सेवा करने के लिए अब हमारी ही बात कर लीजिये हम रेलवे की सेवा कर रहे हैं अपने लिए नही हम उस हर भारतीय की सेवा कर रहे हैं जो भारतीय रेलवे में सफर कर रहा है
उठो जागो सोचो फैसला करो की हम सब एक हैं मेरा किसी ट्रैकमैन से विवाद नही है यदि है भी तो मैंने उसको माफ़ कर दिया कुछ लोग सोचते हैं की स्थायी तौर से मुझे यहाँ थोड़े रहना है आपको लगता है की इस दलदल से निकल जाओगे बिलकुल नही चलो मान भी लिया जाए की आप दूसरी नौकरी मिल गयी तो तो आपके लिए बहुत अच्छा अवसर है अपने पुराने साथियो के लिए कर गुजरने का क्योंकि अब न आपको नई नौकरी ज्वाइन करने से पहले किसी एब्सेंट लगने का डर है और न ही चार्जशीट मिलने का भय दिखा दो हम में है दम
अभी नही तो कभी नही आगे चलकर आपके बच्चे पत्नी आप के साथ होगी बिना सम्मान व पैसे के कैसे समाज पत्नी बच्चो का सामना कर पाओगे अभी 90% ट्रैकमेन जवान है जवानी में आपको ये कार्य हल्का लगता भी लेकिन हमारा बुढ़ापा कैसा होगा ये आप सोच सकते हो
एक ट्रैक ईमानदार इस रेल में
ये शब्द लिखते हुए बड़ा गर्व अनुभव हो रहा है की रेलवे में एक आप ही हो जो इस भ्रष्ट डिपार्टमेंट में इमानदार हो जैसे कोयले में से हिरा निकलता है उस्सी तरह आप भी हो

आपका दिन प्रतिदिन शोषण हो रहा है आप ये नही मानोगे क्योंकि आपके मन में है की जो हो रहा है सही है उसमे कुछ गलत नही है लेकिन हमारे ऑफिसर हम सबको अपना गुलाम समझते हैं बेजा इस्तेमाल करते हैं रेलवे को खोकला कर रहे हैं अपनी (ट्रैकमेन) मैनपावर का इस्तेमाल करते है और ठेकेदारों से पैसे लेते हैं अभी अभी कठुआ सेक्शन में ठेकेदार ने जो रोड़ी बोक्स्किंग कार्य किया गया वो पहले ही हो चूका था उसके बाद भी फॉर्मेलिटी के तौर पर टेंडर दिया गया और ठेकेदार के बंदे दो दो बुर्जी 10 बजे से 1 बजे तक एक बन्दा कर देता इससे साफ़ जाहिर होता है की कैसे रेलवे डिपार्टमेंट को तेल लगाया जा रहा है
भाइयो सचेत हो जाओ एब्सेंट चार्जशीट ससपेंड होने से मत डरो ये तो मात्र कागज के टुकड़े हैं आप खतरों के खिलाडी हो हर समय लोहपथगामिनी (ट्रेन) काली मां से आपका सामना होता रहता है बिना हथियार के आप रेल के सैनिक हो
इन्ही शब्दों के साथ में अपने विचारो को शेयर करना चाहूँगा                          
                (धन्यवाद्)
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