Trackman यूनियन के वीर सिपाहियों ,विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि ये जो रेलवे बोर्ड ने सेफ्टी supervisor को यूनियन से निकालने का चाल चला है !इस से हमलोगों के पेट पर ही गाहे -बघारे लात मारा जायेगा !क्योंकि जब यूनियन, फेडरेशन वाला जब हड़ताल का नोटिस दिया था तो ,उसी तरह सरकार ने सेवानिवृति नेता को यूनियन ,फेडरेशन से हटने का फ़रमान सुनाया था !डर के मारे ये आदम जबाना से बैठे नेता ने बिना समझौता के pay -कमीशन मान लिया !जिससे आपके पेट पर लात पड़ा !क्योंकि उनको आप नही कुर्सी प्यारी थी !उसी कमी को भाप सरकार ने फिर चाल चली है !उनको मालूम है ,यूनियन के कमाई का जरिया P W I है !उसी को पकड़े !यूनियन ,फेडरेशन खुद अलोवेन्स कमेटी के सामने सरेनडर करेगा !और वही होगा !क्योंकि उनको आप नही रुपए प्यारी है !आप ही सोचिये पूरा देश मै कितना pwi होगा !लगभग दस -बारह हजार !मगर ये लोग यूनियन को दुध दिलानी वाली ठेकेदार है !उसके लिये वह कुछ भी कर सकता है !इसलिए साथियों जरूरत है होशियार रहने कि ताकि अलोवेन्स मै किसी प्रकार की कमी नही हो पाये !ऊपर वाले तो रिश्वत खा कर पूरा कर लेगा आपका क्या होगा ! हमे अपने मुद्धा से भटकना नही है !क्योंकि हमे न सरकार से न ही यूनियन से कोई सरोकार है !हमारे लिये trackman का हित सर्वोपरी है !इससे कोई समझौता नही होनी चाहिए !इसलिए आप सभी से आग्रह है कि अपने demand पर अडिग रहकर सभी पर दबाव बनाइए !उसी मै हमारी जीत है !
हड़ताल का पुरजोर विरोध कीजिये......किसी तरह के बहकावे में ना आये ...ना दवाब में....आधुनिक FB, whats app, व् ट्वीटर पर रेलवे बोर्ड के पत्र का अपने स्तर पर समर्थन करे.....यदि कोई PWI अनावश्यक दवाब बनाये तो recording जैसे सबूत बनाये ...ट्रैकमेंन हित में यह फरमान मील का पत्थर साबित होगा
हड़ताल का पुरजोर विरोध कीजिये......किसी तरह के बहकावे में ना आये ...ना दवाब में....आधुनिक FB, whats app, व् ट्वीटर पर रेलवे बोर्ड के पत्र का अपने स्तर पर समर्थन करे.....यदि कोई PWI अनावश्यक दवाब बनाये तो recording जैसे सबूत बनाये ...ट्रैकमेंन हित में यह फरमान मील का पत्थर साबित होगा
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